Wheat Varieties 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज वाली गेहूं की इन किस्मों की जबरदस्त मांग जानिए उन्नत किस्मो के बारे में

Best Wheat Varieties :- 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज वाली गेहूं की इन किस्मों की जबरदस्त मांग जानिए उन्नत किस्मो के बारे में। देश में गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक और किसान लगातार प्रयास कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लगातार नई किस्में ईजात की जा रही है। इसके बावजूद हम अंतर्रराष्ट्रीय बाजार की पूर्ति को पूरी नहीं कर पा रहे हैं। जानिए इन उन्नत किस्मो के बारे में।
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Best Wheat Varieties
खरीफ सीजन अपने चरम पर है। जिसके तहत खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की कटाई शुरू हो गई है। इसके साथ ही रवि सीजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसमें कृषि वैज्ञानिक किसानों को रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की अगेती किस्में 20 अक्टूबर के बाद लगाने की सलाह दे रहे हैं ।
Wheat Varieties 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज वाली गेहूं की इन किस्मों की जबरदस्त मांग जानिए उन्नत किस्मो के बारे में
करन नरेन्द्र किस्म DBW-222
करन नरेन्द्र किस्म को DBW-222 के नाम से जाना जाता है। इसे करनाल के गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है। यह किस्म किसानों के बीच 2019 में ही आई है। 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच इसकी बुवाई सही रहती है।
करन नरेन्द्र किस्म 143 दिनों में पककर देगी प्रति हेक्टेयर 65.1 से 82.1 क्विंटल की पैदावार
इसमें सिर्फ 4 सिंचाई करना पड़ती है। इस तरह इस किस्म की खेती से 20 प्रतिशत पानी की बचत होती है। यह किस्म 143 दिनों में पक जाती है। वहीं प्रति हेक्टेयर इससे 65.1 से 82.1 क्विंटल की पैदावार होती है।
Wheat Varieties 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज वाली गेहूं की इन किस्मों की जबरदस्त मांग जानिए उन्नत किस्मो के बारे में
K-1616 किस्म
चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुरके वैज्ञानिकों ने गेहूं की दो किस्मों को संकरण करके गेहूं की एक नई किस्म K-1616 विकसित की है। जो एक संकर प्रजाति है। जानकारी के अनुसार University के वैज्ञानिकों ने 4 साल की मेहनत के बाद एचडी-2711 और के-711 गेहूं को मिलाकर के-1616 को संकर किस्म के रूप में विकसित किया है।
K-1616 किस्म देगी प्रति हेक्टेयर 57.5 से 79. 60 क्विंटल की पैदावार
उपलब्ध जानकारी के अनुसार K-1616 किस्म का गेहूँ 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकता है यदि दो सिंचाई दी जाए। दरअसल गेहूं की नई किस्म के-1616 को शुष्क क्षेत्रों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। साथ ही रबी सीजन में कम बारिश होने पर इससे उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
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करन वंदना किस्म DBW-187
इस किस्म को DBW-187 के नाम से जाना जाता है। इस किस्म को करनाल के गेहूं एवं जौ अनुसंधान केन्द्र ने विकसित की थी। करन वंदना उत्तर-पूर्वी भारत के गंगा तटीय क्षेत्र के अनुकूल है। इसमें पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियां लगने की संभावना बेहद कम रहती है।
करन वंदना किस्म 120 दिनों में पककर देगी प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल की पैदावार
करन वंदना किस्म बुवाई के 77 दिनों बाद बालियां निकल आती है, वहीं 120 दिनों यह पककर तैयार हो जाती है। गेहूं की इस किस्म में 5-6 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल की पैदावार ली जा सकती है। वहीं अन्य किस्मों से प्रति हेक्टेयर 65 क्विंटल की पैदावार होती है।
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पूसा यशस्वी किस्म HD -3226
इसे HD -3226 के नाम से जाना जाता है। यह करनाल बंट, फफूंदी और गलन रोग प्रतिरोधक होती है। गेहूं कि यह किस्म उत्तर पश्चिमी क्षेत्र मेंPunjab, Delhi, Haryana, Rajasthan के उदयपुर और कोटा संभाग, उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग को छोड़कर, Jammu और Kashmir, Himachal और Uttarakhand के लिए अनुकूल है।
पूसा यशस्वी किस्म देगी प्रति हेक्टेयर 57.5 से 79. 60 क्विंटल की पैदावार
इसकी बुवाई 5 नवंबर से 25 नवंबर तक उचित मानी जाती है। बुवाई के लिए प्रतिहेक्टेयर 100 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। वहीं इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 57.5 से 79. 60 क्विंटल की उपज ली जा सकती है।
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शरबती किस्म
शरबती मध्य प्रदेश को ज्ञात सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला गेहूं है,शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है। साथ ही यह हथेली पर भारी लगता है और इसका स्वाद मीठा होता है, इसलिए इसका नाम शरबती है।
शरबती किस्म देगी प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल की पैदावार
इसकी बुवाई दर 30-35 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। इसकी उपज 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह आमतौर पर 135 से 140 दिनों के लिए एक पौधा होता है। स्वस्थ पौधे के लिए इसे कम से कम 2 सिंचाई की आवश्यकता होती है।