Gehu Ki Nayi Unnat kism: गेंहू की यह नयी उन्नत किस्मो की खेती करके कमाई लाखो रु, किस्मों के बारे में जरुर जान लें…

Gehu Ki Nayi Unnat kism: गेंहू की यह नयी उन्नत किस्मो की खेती करके कमाई लाखो रु, किस्मों के बारे में जरुर जान लें…, भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, क्योंकि यहां 70% किसान हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग फसलें उगाई जाती है. फसलों की अच्छी उपज और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए समय-समय पर नये नये प्रयोग होते रहते हैं, जिससे किसान नयी किस्म की खेती कर रहे हैं. खरीफ की फसल के कटाई का समय आ गया है. अब किसान रबी की फसल की तैयारी में लग गए हैं. गेहूं की खेती करने वाले किसानों को सबसे पहले इसकी किस्मों की जानकारी होनी चाहिए. क्योंकि अच्छी किस्म से फसल उत्पादन भी अच्छा ही होता है. इसलिए इसकी खेती करने से पहले इसकी किस्मों के बारे में जरुर जान लें…
Gehu Ki Nayi Unnat kism
किसान को इस बारे में जानकारी होती है कि वह किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन के लिए उसकी अच्छी और सही किस्मों की जानकारी, यदि सही किस्मों का चयन करें, तो उसे फसल से अच्छा उत्पादन होगा. लेकिन सभी किसानों को गेहूं की अलग-अलग किस्मों के बारे में जानकारी नहीं होती है। आज हम आपको गेहूं की 5 सबसे नई उन्नत किस्मों के बारे में जानकरी देने जा रहे हैं, जिससे अच्छा उत्पादन होगा.
गेहूं की ये सबसे नई उन्नत किस्में (Gehu Ki Nayi Unnat kism)
करण नरेन्द्र (Karan Narendra) | Gehu Ki Nayi Unnat kism

गेहूं की यह किस्म खास किस्मों में से एक है. इस किस्म को डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222) के नाम से भी जाना जाता है. गेहूं की ये किस्म 143 दिनों के अन्दर पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसत पैदावार 65.1 प्रति हेक्टेयर है. इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) करनाल ने विकसित किया है. यह किस्म किसानों के बीच 2019 में आई है.
करण वंदना (Karan Vandana) | Gehu Ki Nayi Unnat kism

गेहूं की ये ख़ास किस्म जिसे डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) भी कहा जाता है. इस किस्म की फसल 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसत पैदावार 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.
करण श्रिया (Karan Shriya) | Gehu Ki Nayi Unnat kism

गेहूं की इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में की जाती है. इस किस्म की फसल को पककर तैयार होने में 127 दिन लगते हैं. इस किस्म की औसत पैदावार 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है |
डीडीडब्ल्यू 47 (DDW-47) | Gehu Ki Nayi Unnat kism

गेहूं की इस किस्म की खेती मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में की जाती है. इसमें प्रोटीन की मात्रा की मात्रा ज्यादा होती है. दलिया और सूजी जैसी डिश इस किस्म की गेहूं से बहुत स्वादिष्ट बनती है. इस किस्म की औसत पैदावार 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस किस्म की खासियत यह है कि इसके पौधे कई प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम होते हैं |
काठिया गेहूं (Kathiya Gehu) | Gehu Ki Nayi Unnat kism

असिंचित या कम पानी वाले इलाकों में भी काठिया गेहूं की खेती करके 30 से 35 क्विंटल तक उत्पादन कर सकते हैं। वहीं सिंचित इलाकों में काला गेहूं 50 से 60 क्विंटल की पैदावार देता है। गेहूं की साधारण किस्मों की तुलना में काठिया गेहूं को बीटा कैरोटीन व ग्लुटीन का अच्छा स्रोत मानते हैं। इसमें बाकी किस्मों के मुकाबले 1.5 से 2 प्रतिशत अधिक प्रोटीन मौजूद होता है। पोषक तत्वों से भरपूर काठिया गेहूं की फसल में रतुआ रोग की संभावना भी कम ही रहती है। देश-विदेश में बढ़ती मांग के चलते काला गेहूं 4,000 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बाजार में बिक रहा है।