पड़ताल : पानीपत में तिरंगे का अपमान, सिविल अस्पताल में फहराया फटा ध्वज, MLA विज के निवास पर नेशनल फ्लैग से ऊंचा BJP का झंडा

पड़ताल : आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री की अपील पर हर घर तिरंगा मुहिम के तहत देशभर में 13-15 अगस्त तक राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है। मगर, इस मुहिम की घोषणा होते ही हरियाणा भर से कई तरह के विवाद सामने आने लगे।
कहीं, तिरंगे को जबरदस्ती बेचने के मामले सामने आए। कहीं, राशन डिपुओं पर तिरंगा खरीदने पर ही राशन दिए जाने की बात सामने आई, तो कहीं पर तिरंगे को बेक्रदी से एक जगह से दूसरी जगह पर ढोहे जाने की विडियो सामने आई हैं।

डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली नगर निगम की रेहड़ी में रखे गए तिरंगे।
इसी बीच, दैनिक भास्कर ने पानीपत शहर में तिरंगे के मान-सम्मान की धरातल पर पड़ताल की। पड़ताल के दौरान तिरंगे के मान को पहुंच रही ठेस को देखकर सरकार से यही अपील है कि तिरंगे को खास ही रहने दें, इसे आम न बनाएं। क्योंकि तिरंगे फहराने के नियमों की कहीं भी पालना नहीं हो रही है।

शहरी विधायक प्रमोद विज के निवास पर तिरंगे से ऊपर है पार्टी का झंडा।
में ये बड़ी खामियां आई सामने
– सरकारी अस्पताल में तिरंगा फटा हुआ, झुका हुआ लहराया गया है। इतना ही नहीं, अशोक चक्र भी सही जगह नहीं है।
– शहरी विधायक प्रमोद विज के मॉडल टाउन निवास पर तिरंगे से लगभग 3 फीट ऊंचा BJP झंडा लहरा रहा है।
– वार्ड 7, राजीव कॉलोनी के गंदे नाले पर लगी ग्रिल पर तिरंगा लहराया गया है।
– दुकानों-घरों में तिरंगा झुका हुआ लगाया गया है।
– बाबरपुर मंडी में अशोक चक्र की गलत छपाई वाला तिरंगा बेचा जा रहा है।
– शहरभर में तिरंगे वितरित करने के लिए नगर निगम की कूड़े वाली रेहड़ियों में तिरंगे डाल कर ले जाए जा रहें।
– कही केसरियां रंग की जगह लाल रंग वाले तिरंगे लहराए गए हैं।

वार्ड 7 की राजीव कॉलोनी स्थित गंदे नाले की ग्रिल पर फहराया गया तिरंगा।
दो बार नियमों में बदलाव कर खास से आम बनाया गया तिरंगा
पहले आम आदमी को अपने घर या दफ्तर पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी, लेकिन 2002 में सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में बदलाव करते हुए आम लोगों को तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी, लेकिन तब केवल दिन में ही झंडा फहराने की इजाजत दी गई थी। 20 जुलाई 2022 को केंद्र सरकार ने भारतीय झंडा संहिता के पैरा 2.2 के खंड 11 में बदलाव करते हुए जनता को दिन-रात झंडा फहराने की अनुमति दी है।
इसके अलावा अब पॉलिस्टर यामशीन से बने झंडे भी फहराए जा सकते हैं, जिसकी इजाजत पहले नहीं थी। पहले केवल हाथ से बुने और ऊन, कपास या खादी से बने तिरंगे को ही फहराया जा सकता था।

सिविल अस्पताल की छत पर झुका हुआ तिरंगा।
तिरंगा फहराने के ये हैं नियम
– तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए।
– कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए।
– तिरंगे का इस्तेमाल किसी तरह की सजावट के लिए नहीं किया जा सकता।
– किसी सामान या इमारत को ढकने के लिए कपड़े की तरह तिरंगे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
– झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई-चौड़ाई 3:2 होनी चाहिए।
– केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए, सफेद बीच में और हरा सबसे नीचे।
– झंडे के बीच में अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए।
– तिरंगे को पानी में नहीं डूबोया जा सकता।
– फटा हुआ, गंदा या जला हुआ तिरंगा नहीं फहरा सकते।
– किसी को सलामी देने के लिए झंडा झुकाया नहीं जा सकता।
– तिरंगे में आप किसी तरह की तस्वीर या पेंटिंग नहीं लगा सकते।
कागज के तिरंगे के ये हैं नियम
अगर आप कागज के तिरंगे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे खुले में ना फेंके बल्कि अकेले में पूरी इज्जत के साथ उसका निस्तारण करें। अगर तिरंगा फहराते वक्त कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।